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Saturday, July 25, 2020

Law of conservation of mass(द्रव्यमान संरक्षण का नियम या पदार्थ की अविनाशिता का नियम)

1744 में  Lavoisier ने experiments के basis में यह proof किया कि किसी reaction में mass conserve होता है। chemical reactions के दौरान mass न ही create किया जा सकता है, न ही mass destroy किया जा सकता है।

कुछ ऐसे reactions देखने को मिलता है जिसमे ऐसा प्रतीत होता है कि mass कम हो रहा है, जैसे:- मोमबत्ती के जलने से मोम समाप्त हो जाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि मोम का विनाश हो रहा है, परंतु वास्तव में ऐसा नही होता, केवल रूप में परिवर्तन होता है। बने हुवे substances water vapour, CO₂ atmosphere में चले जाते है।

इन सभी का weight measure करने पर clear दिखाई देता है कि जलने से पहले और जलने के बाद के weight same है।
इससे इस Law को ऐसे define किया जा सकता है।

Statement in english

" Sum of mass of reactants is equal to sum of mass of products in a chemical reaction"

Or

" Mass of substance is neither created nor destroyed during a chemical reaction"


हिंदी में वाक्यांश

" रासायनिक परिवर्तन में भाग लेने वाले पदार्थों का कुल द्रव्यमान परिवर्तन के पश्चात बने हुवे पदार्थों के कुल द्रव्यमान के बराबर होते है।"

अथवा

" रासायनिक परिवर्तन में  द्रव्य न तो उत्पन्न किये जा सकते है और न ही नष्ट किये जा सकते है, उसके केवल रूप या अवस्था मे परिवर्तन हो सकता है"।

यह Law nuclear chemistry में apply नही होता।
Nuclear reactions में mass को energy में convert किया जा सकता है। इसके लिए फॉर्मूला है:-E=mc²






Law of conservation of mass के vedio lecture देखने के लिए नीचे click करे








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